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एसिडिटी की समस्या में रामबाण है ये योगासन, पाचन तंत्र को करता है दुरुस्त
पाचन की समस्या सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि कम उम्र लोगों को भी होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों की जीवनशैली में आए गंभीर बदलाव हैं। शारीरिक गतिविधियों की कमी, भरपूर पौष्टिक आहार न लेना, आवश्यकता से अधिक सोचना और लोगों में बढ़ता मानसिक तनाव जैसे कारण आपको एसिडिटी का शिकार बनाते हैं। हालांकि, अगर आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, खाने में पौष्टिक तत्वों की मात्रा को बढ़ाएं और योग करें तो इसका हल भी निकल सकता है। आज हम आपको एक विशेष योगासन बताने जा रहे हैं, जिसका नियमित अभ्यास करने से आप एसिडिटी की समस्या से दूर रहेंगे।
वज्रासन
एसिडिटी से पीड़ित लोगों को जानुशिरासन, उष्ट्रासन, तिर्यक ताड़ासन, करिचक्रासन तथा हलासन का अभ्यास करना चाहिए। इसके साथ ही पवनमुक्तासन के 5 से 7 चक्रों का अभ्यास करने से बहुत लाभ होता है। प्रतिदिन भोजन के बाद 5 से 7 मिनट वज्रासन पर अवश्य बैठें।
पवनमुक्तासन
यह आसन उदर यानी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस योग से गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है। इस योग की क्रिया द्वारा शरीर से दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है।
यह आसन उदर यानी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस योग से गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है। इस योग की क्रिया द्वारा शरीर से दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है।
मलासन
ज्यादा खाने के बाद अक्सर आपको भारीपन का एहसास होता है। इसके कारण आपके भोजन का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है इसलिए आपको आलस और थकान का अनुभव होता है। ऐसे में अगर 5 मिनट मलासन का अभ्यास करें, तो आपको इस समस्या से तुरंत राहत मिल जाएगी। ये आसन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें कब्ज और गैस की समस्या हमेशा बनी रहती है।
ज्यादा खाने के बाद अक्सर आपको भारीपन का एहसास होता है। इसके कारण आपके भोजन का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है इसलिए आपको आलस और थकान का अनुभव होता है। ऐसे में अगर 5 मिनट मलासन का अभ्यास करें, तो आपको इस समस्या से तुरंत राहत मिल जाएगी। ये आसन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें कब्ज और गैस की समस्या हमेशा बनी रहती है।
ध्यान या योगनिद्रा
मानसिक तनाव आज की जीवनशैली का हिस्सा बन गया हैं। यह एसिडिटी को और बढ़ाता है। ध्यान या योगनिद्रा का नियमित अभ्यास करने से सारे तनाव दूर हो जाते हैं और मन मुक्त तथा हल्का हो जाता है।
मानसिक तनाव आज की जीवनशैली का हिस्सा बन गया हैं। यह एसिडिटी को और बढ़ाता है। ध्यान या योगनिद्रा का नियमित अभ्यास करने से सारे तनाव दूर हो जाते हैं और मन मुक्त तथा हल्का हो जाता है।
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